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Shirdi Sai Baba Mandir का नाम सुनते ही मन में श्रद्धा और भक्ति की लहर दौड़ पड़ती है। ये पवित्र धाम सिर्फ महाराष्ट्र या भारत का ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है। यहाँ, हर जाति, धर्म और वर्ग के लोग बाबा के चरणों में शीश झुकाने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं। दिल्ली से शिरडी साईं बाबा मंदिर की यात्रा करना आपके जीवन का एक बेहद ख़ास अनुभव साबित हो सकता है। आज के इस ब्लॉग में हम शिरडी साई बाबा मंदिर के बारे में पूरी जानकारी हासिल करेंगे, दिल्ली से शिरडी तक आने के लिए उपलब्ध सुविधाओं दिल्ली से आने वाले भक्तों के सफ़र को आसान बनाने वाले विकल्पों जानेंगे। अपनी इस मानसिक पवित्र यात्रा को सहज बनाने के लिए आप इस ब्लॉग को पढ़ें।

Shirdi Sai Baba Mandir का इतिहास और महत्व

19वीं सदी में साईं बाबा का जन्म 1835 में हुआ था, लेकिन उनके जन्म स्थान और माता-पिता के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। कुछ मानते हैं कि उनका जन्म महाराष्ट्र के पाथरी गांव में हुआ था, जबकि कुछ का मानना ​​है कि उनका जन्म आन्ध्र प्रदेश में हुआ था। 1854 में, साईं बाबा पहली बार महाराष्ट्र के शिरडी गाँव में दिखाई दिए। वे एक युवा फकीर थे और उन्होंने शिरडी में एक मस्जिद के पास रहना शुरू कर दिया।

शिरडी के गांव में निवास करने वाले साई बाबा अपने सरल जीवन, दिव्य वाणी और सर्वधर्म समभाव के संदेशों के लिए जाने जाते थे। “सबका मालिक एक” एवं  “श्रद्धा और सबुरी” जैसे उनके उपदेश आज भी लाखों लोगों को जीवन का मार्ग दिखाते हैं। 1918 में उनके समाधि लेने के बाद उनके भक्तों ने श्रद्धापूर्वक उनके सम्मान में यह भव्य मंदिर बनवाया। आज ये मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल ही नहीं रह गया है, बल्कि आध्यात्मिक शांति और आत्मिक जागरण का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।

शिरडी साई बाबा मंदिर के प्रमुख दर्शनीय स्थल

शिरडी साई बाबा मंदिर परिसर में कई ऐसे पवित्र स्थल हैं, जो आपके मन को गहराई से छू लेंगे। आइए, इनमें से कुछ प्रमुख स्थानों पर एक नज़र डालें।

समाधि मंदिर

Shirdi Sai Baba Mandir Darsan

समाधि मंदिर शिरडी का हृदय स्थल है। यहीं पर साई बाबा की समाधि स्थित है। संगमरमर से निर्मित समाधि के चारों ओर चांदी के खंभे और उनकी सुंदर मूर्ति भक्तों को अपनी ओर खींच लेती है। उनके स्वरूप में एक ऐसा तेज है जिसका दर्शन करने के बाद मन को एक आलग प्रकार की शांति और सुख का अनुभव होता है। समाधि दर्शन के लिए आपको कतार में लगना पड़ सकता है, पर शिरडी के माहौल में भक्ति का ऐसा रंग घुला है कि घंटों लाइन लगाने पर भी आपको ना बेचैनी होगी ना थकान महसूस होगी।

द्वारकामाई

ये वो स्थान है, जहां साई बाबा रहते और खाना बनाते थे। यहां उनकी चिमनी, धुनी और पीतल का लोटा आज भी मौजूद हैं। इस स्थान को देखते ही साई बाबा के सादे और त्यागमय जीवन की झलक मिलती है। ये साई बाबा के प्रति लोगों के मन में समाहित भक्ति का प्रमाण ही है कि लोग घंटों में लगकर समाधी मंदिर का दर्शन करने के बाद भी, बड़ी बड़ी ख़ुशी द्वारका माई मंदिर में दर्शन के लिए कतारबद्ध नज़र आते हैं। 

चांदी का वारकपाल

Sai Mandir: चांदी का वारकपाल

समाधी मंदिर परिसर में स्थित ये विशाल दीप अपनी भव्यता से सबको आकर्षित करता है। हर गुरुवार को यहां होने वाली विशेष आरती हर एक का दृश्य मन को मोह ले लेती है।

खंडोबा मंदिर

यह वही मंदिर है, जहां साई बाबा को “साई” नाम मिला था। माना जाता है कि यहीं से उनकी दिव्य लीलाओं का सिलसिला शुरू हुआ था। इस मंदिर के दर्शन का अपना ही महत्व और सुख है।

शाही समाधि मंदिर

साई बाबा के समाधि मंदिर के ठीक बगल में स्थित ये भव्य मंदिर उनकी समाधि के 50वें वर्षगांठ पर बनवाया गया था। यहां साई बाबा की सोने की सुंदर मूर्ति स्थापित है।

संस्थान संग्रहालय 

इस संग्रहालय में साई बाबा के जीवन से जुड़ी वस्तुएं, उनकी समाधि के समय ली गई तस्वीरें और उनके उपदेशों से संबंधित सामग्री प्रदर्शित की गई है। यहां आकर आप साई बाबा के जीवन और कार्यों को और भी करीब से जान सकते हैं।

ये रहे शिरडी के प्रमुख मंदिर और अब हम आपको बताएंगे कि दिल्ली से आप किस तरह शिरडी का सफ़र तय कर सकते हैं, वह भी मज़ेदार तरीके से। यहाँ सबसे ज़्यादा भीड़ गुरूवार के दिन होती है। 

दिल्ली से शिरडी तक की शानदार यात्रा

दिल्ली से शिरडी पहुंचने के लिए आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं। अपनी सुविधा और बजट के अनुसार आप इनमें से कोई भी रास्ता चुन सकते हैं।

सबसे पहला विकल्प है हवाई जहाज

हवाई यात्रा की मदद से आप कुछ ही घंटों में दिल्ली से चलकर शिरडी में साईं बाबा के मंदिर पहुँच सकते हैं।दिल्ली से शिरडी के लिए प्रतिदिन कई फ्लाइट्स उपलब्ध होती हैं। उड़ान का समय लगभग 2 घंटे होता है।दिल्ली से शिरडी हवाई यात्रा का किराया ₹4,000 से शुरू होता है। थोड़ी एडवांस प्लानिंग करके आप एडवांस टिकट बुक करेंगे तो टिकट किराया बचा सकेंगे।

अब बारी ट्रेन की, जिसे सबसे ज़्यादा लोग प्रेफर करते हैं।

यह दिल्ली से शिरडी जाने का एक किफायती तरीका है। दिल्ली से शिरडी के लिए कई ट्रेनें चलती हैं। ट्रेन से यात्रा का समय लगभग 24 घंटे होते हैं। ट्रेन का किराया ₹500 से शुरू होता है। भले ही ट्रेन से 24 घंटे लगते हैं पर यात्री इस जर्नी को सबसे ज़्यादा एन्जॉय करते हैं क्योंकि सफ़र में IRCTC पार्टनर ज़ूप की मदद से लोग अपना मनपसंद खाना ऑर्डर करते हैं और डिलीवरी सीधे अपने ट्रेन की बर्थ पर पाते हैं। इस तरह हर महीने हज़ारों यात्री जूप की मदद से अपनी शिरडी तो दिल्ली यात्रा को यादगार और साईं बाबा का दर्शन करके अपने आप को लकी बनाते हैं।

Delhi to Shirdi Train List

Train NumberTrain NameDeparture Time (Delhi)
22456KLK SNSI SF EXP10:25 PM
12780GOA EXPRESS03:15 PM
12628KARNATAKA EXP08:20 PM
12138PUNJAB MAIL05:15 AM
12148NZM KOP EXP05:10 AM
11078JHELUM EXPRESS11:30 AM
12716SACHKHAND EXP01:00 PM
20658NZM UBL SF EXP03:55 PM

Must Read: Train Chart Preparation Time Rules for Indian Railways

बस का विकल्प भी चुन सकते हैं।

यह दिल्ली से शिरडी जाने का सबसे सस्ता तरीका है। दिल्ली से शिरडी के लिए कई बसें हैं। बस द्वारा शिरडी पहुँचने में लगभग 28 घंटों का समय लगता है। बस का किराया ₹1,000 से शुरू होता है। 

कार के साथ रोड ट्रिप का भी है विकल्प 

आप चाहें तो दिल्ली से शिरडी तक कार से भी जा सकते हैं। दिल्ली से शिरडी की दूरी लगभग 1,366 किलोमीटर है। कार से सफ़र करने में लगभग 20 घंटे लगते हैं। अगर आप अपनी कार से यात्रा करते हैं, तो आपको पेट्रोल, टोल और पार्किंग शुल्क के लिए पैसे देने होंगे।

ऐसे में आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प आपके बजट और समय की सीमा पर निर्भर करता है।

यदि आपके पास समय कम है और आप पैसे खर्च करने को तैयार हैं, तो हवाई जहाज सबसे अच्छा विकल्प है। अगर आपके पास समय है और आप पैसे बचाना चाहते हैं, तो ट्रेन सबसे अच्छा विकल्प होगा क्योंकि ट्रेन से आप Zoop द्वारा डिलीवर किए गए टेस्टी, फ्रेश और मल्टीप्ल वेरायटी के फूड्स को एन्जॉय कर सकते हैं।

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ख़ास सलाह 

आप हो सके तो सीज़न के दौरान इस तरफ आने से बचें क्योंकि छुट्टियों में मंदिर के आसपास के होटल काफी महंगे होते हैं और मंदिर में दर्शन के लिए वक़्त भी काफी ज़्यादा लगता है। मौसम के हिसाब से ठण्ड के मौसम में आप इस तरफ आएं तो ज़्यादा बेहतर होगा।

●●●●●आपकी यात्रा मंगलमय हो!●●●●●

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